Saturday, October 28, 2023

चांदरात

Lyrics composed by me and sung on the melody of 'Memory' song 

चांदरात, कबसे मैं खडा हूँ 
देखते राह तेरी, इस सूनी रात में           
दूरतक भी नजर कोई आता नही                 
बस अकेला मैंही हूँ 

आजका तूने वादा किया था
इसलीये मैं यहा हूँ, एक अरमा लिये
चाहे कितनी घडी देर हो जाये ना
आ मिलेगी तू जरूर

फिर भी डर है के तू कही, आ ना पाये तो क्या हो
हूँ परेशान, हूँ मैं हैरान, बढती जाये बैचेनी

ये कैसी आहट हुई हैं
कौन आया यहा है, शायद तू तो नहीं
गर न तू हो तो आस दिलकी ढल जायेगी 
देख चांद भी ढल गया 


एक फांदी चार पक्षी

एक फांदीवर चार पक्षी एवढ्या visual वर सुचलेली एक कविता. कधी कधी कविता आपसूक स्वतःचे एक वळण घेते, आपला तसा हेतू नसला तरी.. एक फांदी चार पक्षी...